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10 वर्षीय बच्ची के अपहरण-दुष्कर्म-हत्या के आरोपी को फांसी:अंकलेश्वर सेशंस कोर्ट का फैसला, दुष्कर्म कर प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड डाल दी थी

1 month ago 3
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आरोपी ने 16 दिसंबर 2024 को 10 वर्षीय बच्ची का अपहरण करके दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी थी।

गुजरात में भरूच के झगड़िया जीआईडीसी में 16 दिसंबर 2024 को 10 वर्षीय बच्ची का अपहरण करके दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई। इसके आरोपी विजय पासवान को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। आरोपी ने कबूला कि, ‘हां... साहब... पहले मैंने दुष्कर्म किया, फिर प्राइवे

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72 दिन चली कानूनी प्रक्रिया पुलिस ने कुछ ही घंटों में आरोपी विजय पासवान को गिरफ्तार कर लिया था। मामले की कानूनी प्रक्रिया 72 दिनों में पूरी हुई। सरकारी वकील पीबी पांड्या की दलीलों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अदालत ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है, जो समाज को कड़ा संदेश देने के लिए जरूरी है।

पीड़ित बच्ची का 8 दिनों तक इलाज चला था, जिसकी आखिरकार मौत हो गई थी। आरोपी ने 1 महीने पहले भी बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था, लेकिन माता-पिता की चुप्पी ने बच्ची को मौत के मुंह में धकेल दिया।

प्राथमिक उपचार के लिए बच्ची को भरूच के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।

प्राथमिक उपचार के लिए बच्ची को भरूच के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।

मां-बाप की चुप्पी मौत तक ले गई आरोपी से पूछताछ में पता चला कि उसने एक महीने पहले भी इसी मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था, लेकिन माता-पिता की चुप्पी ने इस बच्ची को मौत के कगार पर धकेल दिया था।

इस मामले में न्याय मिलने से समाज को दुष्कर्म और हत्या के अपराधों से लड़ने की प्रेरणा मिलती है। यह घटना समाज में सुरक्षा और न्याय की आवश्यकता को उजागर करती है तथा यह कड़ा संदेश देती है कि ऐसे अपराधों को कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

एक महीने पहले ही दुष्कर्म किया था पुलिस पूछताछ में पता चला कि इस व्यक्ति ने एक महीने पहले भी लड़की के साथ दुष्कर्म किया था। हालांकि, समाज में अपनी प्रतिष्ठा खराब होने के डर से माता-पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई, जिससे आरोपी का हौसला बढ़ गया और उसने दोबारा अपराध किया।

इस मामले में पुलिस ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि पहले बच्चे को जल्द से जल्द उपचार मिले। इस अपराध की जांच के लिए एक टीम भी गठित की गई है।

आरोप पत्र दाखिल होने के 72 दिन के अंदर ही आरोपी को फांसी की सजा सुना दी।

आरोप पत्र दाखिल होने के 72 दिन के अंदर ही आरोपी को फांसी की सजा सुना दी।

8 दिन के इलाज के बाद बच्ची की मौत हुई थी पुलिस ने आरोपी विजय पासवान को चंद घंटों के भीतर 16 दिसंबर 2024 को उसके घर से गिरफ्तार किया, लेकिन उसकी हैवानियत सुनकर पुलिस के भी रोंगटे खड़े हो गए।

8 दिन के उपचार के बाद बच्ची की मौत हो गई। अदालत ने जिंदगी की जंग हार चुकी लड़की को न्याय दिलाया है और आरोप पत्र दाखिल होने के 72 दिन के अंदर ही आरोपी को फांसी की सजा सुना दी।

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