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ऑपरेशन सिंदूर के चेहरा बनीं कर्नल सोफिया कुरैशी:महज 17 साल की उम्र में भारतीय सेना में शामिल हो गई थीं, कई शांति अभियानों का हिस्सा रहीं

1 month ago 3
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पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक के करीब 9 घंटे बाद सरकार, सेना और एयरफोर्स के अफसरों ने घटना की जानकारी दी। बुधवार सुबह 10:30 बजे मीडिया ब्रीफिंग से पहले एयर स्ट्राइक का 2 मिनट का वीडियो प्ले किया गया। इसमें बताया गया कि मंगलवार रात 1:04

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देश के इतिहास में पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नल सोफिया कुरैशी और एयरफोर्स की विंग कमांडर विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री भी मौजूद थे। इनमें आर्मी की कर्नल सोफिया कुरैशी गुजरात के वडोदरा की रहने वाली हैं।

6 वर्षों से लगातार शांति अभियानों में शामिल रही हैं 35 वर्षीय सोफिया कुरैशी वर्तमान में भारतीय सेना में कर्नल के पद पर हैं। सोफिया को संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भारत द्वारा भेजी गई टीम की कमान सौंपी गई थी। वह इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए चुने गए प्रमुख प्रशिक्षकों में से एक थीं। वर्तमान में वह भारतीय सेना की सिग्नल कोर में अधिकारी हैं। सोफिया कुरैशी 2006 में संयुक्त राष्ट्र कांगो शांति मिशन का हिस्सा थीं और पिछले 6 वर्षों से लगातार शांति अभियानों में शामिल रही हैं।

वडोदरा की रहने वाली हैं कर्नल सोफिया भारतीय सेना में कर्नल सोफिया कुरैशी मूल रूप से गुजरात की हैं। उनका जन्म वडोदरा में हुआ। उन्होंने जैव रसायन विज्ञान में ग्रेजुएशन किया है। सोफिया के दादा और उनके पिता भी सेना में थे। सोफिया की शादी मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री के एक सेना अधिकारी मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से हुई है और उनका एक बेटा समीर कुरैशी है। कर्नल सोफिया कुरैशी ने यूनिवर्सिटी ऑफ बरोडा से 1992-1995 और मास्टर ऑफ साइंस और इसके बाद (1995-1997 में) साइंस फैकल्टी से बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद बरोडा यूनिवर्सिटी की तरह से उन्हें सैल्यूट किया गया।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद बरोडा यूनिवर्सिटी की तरह से उन्हें सैल्यूट किया गया।

शांति अभियानों में शामिल रही हैं सोफिया सोफिया कुरैशी 1999 में महज 17 साल की उम्र में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत भारतीय सेना में शामिल हुईं थीं। उन्होंने 1999 में चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से ट्रेनिंग ली थी। इसके बाद उन्हें सेना में लेफ्टिनेंट के तौर पर कमीशन मिला था। 2006 में सोफिया ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में काम किया था।

वह 2010 से शांति अभियानों में शामिल रही हैं। पंजाब सीमा पर ऑपरेशन पराक्रम के दौरान सेवा के लिए उन्हें जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) से प्रशंसा पत्र भी मिला था। पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ राहत कार्यों के दौरान उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें सिग्नल ऑफिसर इन चीफ (एसओ-इन-सी) से प्रशंसा पत्र भी मिला।

कर्नल सोफिया ने पुणे में आयोजित 18 देशों के संयुक्त सैन्य अभ्यास 'फोर्स 18' में भारतीय सेना की 40 सदस्यीय टुकड़ी का नेतृत्व किया। इतना ही नहीं, वह इस बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र महिला सैन्य अधिकारी थीं।

सोफिया कुरैशी 1999 में महज 17 साल की उम्र में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत भारतीय सेना में शामिल हुईं थीं।

सोफिया कुरैशी 1999 में महज 17 साल की उम्र में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत भारतीय सेना में शामिल हुईं थीं।

भारतीय सेना में पुरुष और महिला अधिकारियों में कोई भेद नहीं आसियान शिखर सम्मेलन में शामिल हुए स्वर्गीय बिपिन रावत ने सोफिया के बारे में कहा था- सेना में हम समान अवसरों और समान जिम्मेदारियों में विश्वास करते हैं। यहां पुरुष और महिला अधिकारियों के बीच कोई भेदभाव नहीं है। सोफिया कुरैशी का चयन सिर्फ इसलिए नहीं किया गया, क्योंकि वह एक महिला हैं। बल्कि इसलिए किया गया, क्योंकि उनमें नेतृत्व के गुण हैं और वह उन जिम्मेदारियों को निभाने में पूरी तरह सक्षम हैं।

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पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक के करीब 9 घंटे बाद सरकार, सेना और एयरफोर्स के अफसरों ने घटना की जानकारी दी। बुधवार सुबह 10:30 बजे मीडिया ब्रीफिंग से पहले एयर स्ट्राइक का 2 मिनट का वीडियो प्ले किया गया। इसमें बताया गया कि मंगलवार रात 1:04 बजे से 1:11 बजे के बीच 7 मिनट में 9 टारगेट तबाह किए गए। हालांकि ऑपरेशन पूरा होने में कुल 25 मिनट का समय लगा। पूरी खबर पढ़ें...

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