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पाकिस्तान की 'अदिति' को खुफिया जानकारियां दे रहा था:गुजरात का सहदेव गिरफ्तार, पैसों का लालच देकर फंसाया; सेना से जुड़ी इन्फॉर्मेशन मांगती थी

1 month ago 2
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अहमदाबाद4 घंटे पहले

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गुजरात एटीएस ने बताया कि सहदेव पिछले 6-7 महीनों से पाक एजेंट के संपर्क में था। - Dainik Bhaskar

गुजरात एटीएस ने बताया कि सहदेव पिछले 6-7 महीनों से पाक एजेंट के संपर्क में था।

गुजरात ATS ने कच्छ से एक शख्स सहदेव सिंह गोहिल को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि वह बीएसएफ और नेवी की मौजूदा सैन्य इकाइयों की फोटो-वीडियो वॉट्सएप के जरिए पाकिस्तानी एजेंट को भेज रहा था। सहदेव कच्छ के लखपत तालुका में स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर नौकरी कर रहा था।

ATS के मुताबिक, जून 2023 में एक महिला ने खुद को अदिति भारद्वाज बताकर गोहिल से वॉट्सएप पर संपर्क किया था। बताया जा रहा है कि गोहिल को पहली बार संवेदनशील सूचनाएं भेजने पर 40 हजार रुपए कैश मिले थे। इससे पहले ATS ने 7 जुलाई 2023 को भी कच्छ के अन्य एक युवक को अदिति नाम की लड़की के लिए ही जासूसी करने के आरोप गिरफ्तार किया था।

भारत में रहते हुए पाकिस्तान को खुफिया जानकारियां देने वाला सहदेव पाकिस्तानी एजेंसी के संपर्क में कैसे आया, कितने समय तक संपर्क में रहा? सहदेव को किस तरह की सूचनाएं देने का काम सौंपा गया था? इसकी विस्तृत जानकारी जानने के लिए 'दिव्य भास्कर' ने गुजरात ATS एसपी के सिद्धार्थ से एक्सक्लूसिव बातचीत की। पढ़ें, एसपी के सिद्धार्थ द्वारा दिए गए सवालों के जवाब...

बीएसएफ के अलावा कच्छ के तटीय इलाकों में मौजूद नेवी की फोटो-वीडियो भी भेज रहा था।

बीएसएफ के अलावा कच्छ के तटीय इलाकों में मौजूद नेवी की फोटो-वीडियो भी भेज रहा था।

सवाल: अदिति भारद्वाज पुरुष है या महिला? जवाब: अदिति नाम की महिला ने सहदेव सिंह गोहिल को अपनी कुछ तस्वीरें भी भेजी थीं। अभी यह साफ नहीं है कि फोटो उसकी है या किसी और की। लेकिन यह साफ है कि सहदेव सिंह से बात करने वाली महिला ही थी।

सवाल: दोनों किस तरह संपर्क में थे? जवाब: वे दोनों व्हाट्सएप चैट और वीडियो कॉल के जरिए संपर्क में रहते थे।

सवाल: अदिति भारद्वाज की लोकेशन क्या थी? जवाब: अदिति के आईपी एड्रेस कराची और रावलपिंडी के हैं।

सवाल: क्या अदिति भारद्वाज ने गलत नाम बताया था? जवाब: हां, शुरुआत में उसने गलत नाम बताकर सहदेव सिंह से बातचीत शुरू की थी। जब दोनों के बीच भरोसा बन गया तो उसने सहदेव सिंह को अपने इरादे साफ कर दिए थे। उसने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने की योजना बताई। सहदेव सिंह भी पैसों के लालच में आकर इसमें शामिल हो गया था।

सवाल: अदिति भारद्वाज किस तरह की जानकारियां मांग रही थीं? जवाब: अदिति भारद्वाज सहदेव सिंह गोहिल से नौसेना, वायु सेना और सेना के निर्माणाधीन या नवनिर्मित भवनों के फोटोग्राफ, स्थान और जानकारी मांगती थीं।

सहदेव से भारतीय सेना के निर्माणाधीन या नवनिर्मित भवनों के फोटोग्राफ भी मांगे जा रहे थे।

सहदेव से भारतीय सेना के निर्माणाधीन या नवनिर्मित भवनों के फोटोग्राफ भी मांगे जा रहे थे।

सवाल:: सहदेव सिंह को नकद भुगतान किया गया था, तो क्या इसमें और लोग भी शामिल हो सकते हैं? जवाब: हां, इसमें पांच से छह लोग और शामिल हो सकते हैं। जांच जारी है।

सवाल: पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ऐसे लोगों की कैसे तलाश करती है? जवाब: पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी हमेशा सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को फंसाने की कोशिश करते हैं। पाकिस्तानी एजेंटों के पास भारतीय लोगों का डाटाबेस और फोन नंबर हैं, जिन पर ये एजेंट संदेशों की बौछार करते हैं। सवाल: अदिति भारद्वाज ने कितने लोगों को अपने जाल में फंसाया होगा? जवाब: सटीक संख्या तो ज्ञात नहीं है, लेकिन बताया जाता है कि अदिति ने कई लोगों को अपने जाल में फंसाने की कोशिश की थी।

सवाल: किस तरह के लोगों को निशाना बनाया जा रहा थ? जवाब: खासतौर पर सरकारी ठेकों पर काम करने वाले लोगों को निशाना बनाते हैं। पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी किसी तरह सरकारी ठेकों पर काम करने वाले लोगों का डेटा हासिल कर लेती है। फिर अलग-अलग तरीकों से उन्हें फंसाने का जाल बिछाया जाता है।

गुजरात एटीएस एसपी के सिद्धार्थ।

गुजरात एटीएस एसपी के सिद्धार्थ।

सवाल: क्या अदिति और सहदेव सिंह गोहिल के बीच व्हाट्सएप और फेसबुक पर हुई चैट के सबूत मिले हैं? जवाब: हां, आईपी पाकिस्तान से है और इससे हम कह सकते हैं कि वह एक पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी है।

सवाल: सुखदेव सिंह के मोबाइल से किस तरह के वॉट्सअप चैट्स और मैसेज मिले हैं? जवाब: दोनों तरफ से खूब चैटिंग होती थी। पर्सनल बातें भी होती थीं। सुखदेव के मोबाइल से कई मैसेज मिले हैं। कई मैसेज डिलीट कर दिए है। डिलीट मैसेज निकालने में कुछ तकनीकी दिक्कतें आ सकती हैं।

सवाल: ये लोग कितने समय से संपर्क में थे? जवाब: सटीक समय का डेटा तो नहीं है। दोनों के बीच करीब छह-सात महीने से बातचीत चल रही थी।

आधार से सिम लेकर ओटीपी भी भेजा एसपी के सिद्धार्थ ने आगे बताया कि गोहिल के मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच में सामने आया है कि जिन दो नंबरों से गोहिल जानकारी भेजता था वे अब पाकिस्तान से भी ऑपरेट हो रहे हैं। दरअसल, गोहिल ने जनवरी, 2024 में अपने आधार कार्ड का इस्तेमाल कर एक नया सिम कार्ड लिया और उसका ओटीपी पाकिस्तानी एजेंट को भेज दिया। इससे वह एजेंट पाकिस्तान से उस नंबर पर व्हाट्सएप चला सके।

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